14 Anchors का बहिष्कार और शरशैय्या पर पितामह की TV परीक्षा | NL Tippani 166 https://youtu.be/s3Sl6pDHA_I?t=622 newslaundry
आज हमारे देश में अनगिनत रेडियो रवांडा जैसे चैनल हैं. आप आंख बंद कर लीजिए और रिमोट से चैनल बदलते रहिए. आपके कानों में एक सी भाषा, एक से हिंसक जुमले और एक से कुतर्क दिखेंगे. यहां किसी विविधता के लिए स्थान नहीं है. यहां विपक्ष से सवाल पूछने की नई परिपाटी विकसित हुई है. ऐसे ही 14 एंकरों के बहिष्कार की घोषणा विपक्ष के #indiaalliance ने की है.
भारत में पत्रकारिता की हत्या का आयोजन करने वाले ये 14 #tvanchor और इनके चैनलों का एक सच और है. इन्होंने खुद अपने चैनलों पर अघोषित रूप से अनगिनत लोगों के ऊपर इकतरफा प्रतिबंध लगा रखा है. प्रतिबंध और बहिष्कार के बीच एक लंबा धुंधलका फैला हुआ है. जो दूर से नहीं दिखता. सत्ता के साथ आपराधिक गठजोड़ कर चैनलों के मालिकों ने 40-50 की कच्ची उम्र वाले अनगिनत पत्रकारों को बेरोजगार कर दिया है. चैनलों को बिक्री-खरीद का शिकार बना दिया है.
हालांकि इंडिया गठबंधन ने जो लिस्ट जारी की है उससे बचा जाना चाहिए था. कोई किससे बात करना चाहता है और किससे नहीं यह हमेशा उसका अधिकार क्षेत्र है. इन एंकरों को नज़रअंदाज करने में कोई गलती या बुराई नहीं थी. लेकिन लिस्ट बनाकर घोषणा करने के संदेश दूरगामी हैं. खासकर तब जब आप सार्वजनिक जीवन में विलुप्त हो रहे लोकतांत्रिक मूल्यों को बहाल करने का वादा करते हैं.