चुनावी बॉन्ड और आर्थिक पारदर्शिता | हमारा पैसा हमारा हिसाब
क्या देश के सबसे बड़े बैंक को आर्थिक पारदर्शिता से नहीं पेश आना चाहिए? स्टेट बैंक जैसे विश्वसनीय बैंक का ये कहना की वो चुनावी बॉन्ड का डाटा नहीं दे सकता मात्र चौकाने वाली बात नहीं है, ये संकेत हैं हमारे लोकतंत्र के स्तम्भ हिल रहे हैं। हमारे संविधान के मूल्यों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
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